केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने राहुल गांधी को आतंकी बताया। उनका ये बयान राहुल की अमेरिका यात्रा के दौरान सिखों पर की गई टिप्पणी के लिए आया।
रविवार (15 सितंबर) को बिट्टू ने दिल्ली में कहा- राहुल गांधी देश के नंबर एक आतंकी हैं। वे भारतीय नहीं हैं। राहुल को पकड़ने वाले को इनाम दिया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश के सबसे बड़े दुश्मन हैं।
वहीं, मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी राहुल पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की आरक्षण खत्म करने वाली टिप्पणी संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाती है।
दरअसल, राहुल गांधी ने अमेरिका में कहा था कि अभी आरक्षण खत्म करने का सही समय नहीं है। भारत में जातिगत जनगणना होना जरूरी है। भारत में सिख समुदाय के बीच इस बात की चिंता है कि उन्हें पगड़ी, कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या नहीं।
बिट्टू बोले- राहुल गांधी को भारत से प्यार नहीं, तभी ऐसी बातें करते हैं
- राहुल ने पहले मुसलमानों का इस्तेमाल करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। वे अब सिखों को बांटने का प्रयास कर रहे हैं। देश के सबसे वॉन्टेड लोगों ने राहुल गांधी से पहले भी इस तरह के बयान दिए थे। यहां तक कि जो आतंकवादी हैं, उन्होंने भी राहुल गांधी की टिप्पणियों की सराहना की है। जब ऐसे लोग राहुल गांधी का समर्थन कर रहे हैं तो वे देश के नंबर एक आतंकवादी हैं।
- मेरी राय में अगर किसी को या देश के सबसे बड़े दुश्मन को पकड़ने के लिए कोई इनाम होना चाहिए तो वह राहुल गांधी हैं। वे भारतीय नहीं हैं क्योंकि उन्होंने अपना अधिकांश समय भारत से बाहर बिताया है। उनके दोस्त और परिवार वहीं हैं। इसलिए मुझे लगता है कि कहीं न कहीं उन्हें अपने देश से ज्यादा प्यार नहीं है, क्योंकि वह विदेश जाकर भारत के बारे में ऐसी नकारात्मक बातें कहते हैं।
- विपक्ष का नेता होने के बाद भी राहुल एक मोची, बढ़ई और मैकेनिक का दर्द नहीं समझ पाए हैं। आप (राहुल) अभी भी घूम रहे हैं और इन लोगों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछ रहे हैं। सिर्फ अपनी फोटो खिंचवाने के लिए आप ऐसी बातें कर रहे हैं। यह एक मजाक है।
बिट्टू के बयान पर कांग्रेस का जवाब: पार्टी की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जिसने राहुल गांधी के आगे पीछे करके अपना पूरा राजनीतिक करियर बनाया। वो सत्ता के लालच में विरोधियों की गोदी में बैठ कर सस्ते बयान दे रहा है। रवनीत बिट्टू को शास्त्रों में आस्तीन का सांप कहा गया है।
उपराष्ट्रपति बोले- राहुल की विदेश यात्रा संविधान के अनादर के लिए आयोजित हुई राहुल के अमेरिका में भारत में आरक्षण को लेकर दिए बयान पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान के बारे में जागरूकता की बहुत आवश्यकता है, क्योंकि कुछ लोग इसकी आत्मा को भूल गए हैं। संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति की ऐसी टिप्पणी संविधान विरोधी मानसिकता को दर्शाती है।
आरक्षण योग्यता के खिलाफ नहीं है, बल्कि यह देश और संविधान की आत्मा है। यह सकारात्मक सोच है, नकारात्मक नहीं। यह किसी को अवसर से वंचित नहीं कर रही, बल्कि मजबूत स्तंभ के रूप में समाज को सहारा दे रही है।
उन्होंने कहा कि ये विदेश यात्रा संविधान के सार्वजनिक रूप से अनादर व्यक्त करने के लिए आयोजित की गई थी। इसलिए नहीं कि भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा हो सके। संविधान को किताब की तरह नहीं दिखाया जाना चाहिए। इसका सम्मान किया जाना चाहिए, इसे पढ़ा जाना चाहिए और समझा जाना चाहिए।
धनखड़ ने ये भी कहा कि कोई भी सज्जन, बुद्धिमान व्यक्ति या संविधान का सम्मान करने वाला व्यक्ति कभी भी इस तरह के व्यवहार को स्वीकार नहीं करेगा। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान गांधी अक्सर संविधान की कॉपी दिखाते थे, ताकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष के इस आरोप को बल मिल सके कि भाजपा संविधान को बदलना चाहती है और आरक्षण को समाप्त करना चाहती है।
मैं युवाओं से भारत विरोधी बयानबाजी करने वालों का विरोध करने का आह्वान करता हूं। ऐसे लोग हमारी मातृभूमि को चोट पहुंचाते हैं। संविधान और उसके मूल्यों का अनादर करने वाली ताकतों से लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए।
धनखड़ ने कहा- बाबा साहेब अंबेडकर का सपना चकनाचूर हुआ उपराष्ट्रपति ने ये भी कहा कि इमरजेंसी में हजारों लोगों को जेल में डाला गया, कानून को दरकिनार किया गया। वह दौर तानाशाही को दर्शाता है। संविधान लिखने वाले डॉ. बाबा साहेब अंबेडकर का सपना इमरजेंसी के कारण चकनाचूर हो गया।
मौजूदा सरकार ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस के रूप में मान्यता दी है, ताकि यह तय किया जा सके कि मौजूदा पीढ़ी उस दिल दहला देने वाले समय के दौरान झेली गई कठिनाइयों को न भूले, जब संवैधानिक प्रक्रियाओं की अनदेखी की गई थी। संविधान पर इस तरह के हमले से सबक सीखा जा सकता है।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि मंडल आयोग की रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी गई थी, लेकिन दस साल तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। देश ने उसी अवधि में दो प्रधानमंत्री देखे, इंदिरा गांधी और उनके बेटे राजीव गांधी। दोनों ने आरक्षण बारे में कुछ नहीं किया।
उन्होंने कहा कि जब 31 मार्च 1990 को बाबा साहब अंबेडकर को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था, तब मैं लोकसभा सांसद था। पहले की सरकारें डॉ. अंबेडकर के महत्व को भूल गई थीं। बाबा साहब को भारत रत्न बहुत देर से मिला, जिसके वे हकदार थे।