केरल: केरल के पलक्कड़ में चल रहे RSS समन्वय बैठक का समापन हो गया. सूत्रों के अनुसार, बैठक में दूसरे दिन कुल 5 सत्र आयोजित हुए. इन सभी सत्रों को समूहों में बांटकर चर्चा आयोजित की. शिक्षा, सुरक्षा, आर्थिक पॉलिसी और सामाजिक समरसता जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई. समन्वय बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि समाज में समरसता बनी रहे. भागवत ने कहा कि ‘सामाजिक वर्गीकरण के भी कई आयाम होते हैं. राजनीतिक दल अपने स्वार्थ के चलते इस तरह की मांग करते रहेंगे. ये होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए सरकार और कोर्ट का काम है. हमारा जो काम है और संघ जिसके लिए बना है वो हमको करते रहना है. देश के लिए समाज को एकजुट करना, सभी को साथ लेकर चलना. समन्वय बैठक में सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि राजनीतिक लोगों का काम है समाज को जाति में तोड़ना और उसके जरिए उत्पन्न स्थिति का फायदा उठाना. इसके लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाना. लेकिन इससे अलग हमें संघ की सोच के आधार पर सबको साथ लेकर चलना है. सामाजिक समरसता बनाकर रखना हमारा कर्तव्य है.
समन्वय बैठक में सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि समाज में ऊंच नीच को खत्म करने के निरंतर प्रयास करना है. इसके लिए समाज में सामाजिक गतिविधियों से संबंधित कामों को और तेज करना है. लोगों में आपसी भाईचारे और प्यार को बनाए रखना है. तभी समरसता का प्रभाव देखने को मिलेगा. भागवत ने आगे कहा कि हमें एकजुट होकर और सबको एकजुट रखकर चलना है, जिससे कि समाज में समरसता बनी रहे. संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि पिछले एक साल में संघ की ओर से महिला सम्मेलन सभी राज्यों और जिला मुख्यालय में आयोजित हुआ, जिसमें 472 महिला सम्मेलन हुए. पश्चिमी फेमिनिज्म पर चर्चा सभी जगह होती. मगर भारतीय चिंतन का अभाव रहता है. इन बैठकों में इसकी चर्चा ही गई. सुनील आंबेकर ने कहा कि एक अगस्त को इस बैठक में सामाजिक समरसता पर लंबी चर्चा हुई. जातियों में बांटने से हिंदुत्व का मुद्दा रोकेगा. पिछले कई सालों में विपक्ष द्वारा जाति आधारित जनगणना की मांग उठाने पर चर्चा हो रही है.